लेखनी प्रतियोगिता -17-Jan-2022नजरे मेरी
नजरें मेरी
नजरें मेरी मिली आपसे,
दुनिया मेरी बदल गई।
सूनी मेरी जिंदगी में ,
प्यार की कलियांँ खिली।
सीप सी जिंदगी थी मेरी,
स्वाति सी बूंद तुम मिले।
मोती सी मै खिल गई,
दुनिया मेरी बदल गई।
चाहत में तेरी मैं तो,
यूं ही बस बदल गई।
धड़कन बनकर आप तो,
दिल में मेरे हो रचे ।
श्वसो पर बस पहरा आपका,
लगे मुझे बस अब बता।
दुनिया मेरी बदल गई,
हर फिजा रंगीन लगी।
सूरज चांद फूल बहार,
सुगन्धित सा हर दौर लगे।
पास से तू क्या गुजरा,
मदमस्त यह बहार लगे।
दीवानी सी हो गई,
दुनिया बेगानी सी लगे।
बस अब तो तेरे प्यार में,
खोई सी जिन्दगानी लगे।
ख्वाबों में आ जाना,
साथ मेरे तू चल सदा।
बस अब तो प्यार में तेरे,
आरज़ू बस मुझे लगे।
मौसम भी दीवाना ,
रूत हर सुहानी लगे।
नजरे मेरी मिली आपसे,
दुनिया ये दीवानी लगी।।
रचनाकार ✍️
17.1.2022
Abhinav ji
18-Jan-2022 11:52 PM
Very nice
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Shrishti pandey
18-Jan-2022 04:19 PM
Nice
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Swati chourasia
17-Jan-2022 07:16 PM
बहुत खूब 👌
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